गोवा, अगस्त 2025 – गणेश चतुर्थी के पावन पर्व पर इस बार गोवा में राजनीति और संस्कृति का एक अनोखा संगम देखने को मिला। नेता जहाँ आम तौर पर मंच पर भाषण देते नज़र आते हैं, वहीं इस बार उन्होंने हाथों में घुमट थामकर गणपति बाप्पा की आराधना की।
गोवा के कई प्रमुख राजनीतिक नेताओं ने सार्वजनिक गणेश मंडपों में पहुँचकर न सिर्फ पूजा-अर्चना की, बल्कि पारंपरिक वाद्य घुमट बजाकर भक्ति गीतों की लय में खुद को शामिल किया। यह दृश्य देखकर भक्त भी आश्चर्यचकित रह गए, क्योंकि राजनीति की गहमागहमी से दूर नेता इस बार भक्ति और ताल में डूबे नज़र आए।
गणेश चतुर्थी गोवा की सांस्कृतिक आत्मा का अभिन्न हिस्सा है। यहाँ घुमट बजाने की परंपरा विशेष महत्व रखती है। जब नेताओं ने जनता के बीच बैठकर इस परंपरा को अपनाया, तो लोगों ने इसे समाज और संस्कृति से उनके गहरे जुड़ाव का प्रतीक माना।
स्थानीय निवासियों और श्रद्धालुओं ने नेताओं की इस भागीदारी का स्वागत किया। एक गणेश मंडप में उपस्थित श्रद्धालु ने कहा – “नेताओं को राजनीति से अलग इस तरह संस्कृति में घुलते देखना बहुत सुखद अनुभव है। इससे यह संदेश जाता है कि हम सभी एक ही परंपरा और भक्ति से जुड़े हैं।”
गणेश चतुर्थी की इस रंगीन छटा में यह स्पष्ट संदेश दिखाई दिया कि नेता केवल शासन और राजनीति तक सीमित नहीं, बल्कि वे भी समाज की परंपराओं, संगीत और भक्ति का हिस्सा हैं। घुमट की थाप पर गूंजते गणपति भजन ने यह साबित किया कि जब भक्ति का समय हो, तो राजनीति पीछे छूट जाती है और सब मिलकर “गणपति बाप्पा मोरया” का जयघोष करते हैं।
