गोवा के सेंट एस्टेवम गांव में हुई उस रहस्यमयी घटना को आज पूरे एक साल हो चुके हैं, जब स्थानीय निवासी बासुदेव भंडारी अचानक लापता हो गए थे। 2 सितम्बर 2024 को घटी इस घटना ने पूरे गांव को हिला दिया था। तमाम खोजबीन, पुलिस जांच और स्थानीय प्रशासन की कोशिशों के बावजूद आज तक भंडारी का कोई सुराग नहीं मिल पाया है।
बासुदेव भंडारी के परिजन आज भी दरवाज़े पर उनकी आहट सुनने की उम्मीद करते हैं। उनकी पत्नी ने भावुक स्वर में कहा – “शुरुआत में हमें लगता था कि शायद वे किसी वजह से कहीं चले गए होंगे और लौट आएंगे। लेकिन समय बीतता गया और हमारे सवाल अनुत्तरित रह गए। एक साल हो गया, पर कोई जवाब नहीं।”
बच्चे भी आज तक अपने पिता की वापसी की राह देख रहे हैं। परिवार का कहना है कि प्रशासन और पुलिस ने शुरुआती दिनों में तो सक्रियता दिखाई, लेकिन धीरे-धीरे मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
स्थानीय पुलिस ने इस मामले में कई कोणों से जांच की। नदी और आसपास के क्षेत्रों में गोताखोरों की मदद से तलाशी अभियान भी चलाया गया। मोबाइल लोकेशन, कॉल रिकॉर्ड और गवाहों के बयानों पर भी काम हुआ। लेकिन न तो कोई ठोस सबूत मिला और न ही कोई संदिग्ध सामने आया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा – “हमने हर संभव दिशा में जांच की, लेकिन अब तक कोई ठोस परिणाम नहीं निकला। मामला चुनौतीपूर्ण है, लेकिन हम इसे बंद नहीं कर रहे।”
सेंट एस्टेवम गांव आज भी इस घटना को रहस्य की तरह देखता है। कुछ लोग मानते हैं कि यह हादसा किसी दुर्घटना का नतीजा है, जबकि अन्य इसे साज़िश से जोड़कर देखते हैं। अफवाहों और अटकलों का दौर भी लगातार जारी है।
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सरकार और प्रशासन से कई बार मांग की है कि इस मामले को सीबीआई या किसी विशेष जांच एजेंसी को सौंपा जाए। उनका कहना है कि एक साधारण नागरिक का इस तरह ग़ायब हो जाना और साल भर बाद भी कोई नतीजा न निकलना, कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।
आज, पूरे एक साल बाद भी, बासुदेव भंडारी का कोई पता नहीं चल पाया है। उनका ग़ायब होना सिर्फ़ उनके परिवार के लिए ही नहीं बल्कि पूरे सेंट एस्टेवम गांव के लिए एक गहरा सवाल बन गया है।
परिवार की आख़िरी उम्मीद आज भी जिंदा है। पत्नी ने बातचीत में कहा – “जब तक हमें सच्चाई नहीं पता चलती, तब तक हम हार मानने वाले नहीं। हमें भरोसा है कि किसी न किसी दिन हमें जवाब मिलेगा।”
