जबरन वसूली मामला: वाल्टर फर्नांडीस गिरफ्तार; पुलिस ने पिस्तौल की बरामदगी की
गोवा पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए जबरन वसूली (एक्सटॉर्शन) के संगीन मामले में स्थानीय स्तर पर चर्चित नाम वाल्टर फर्नांडीस को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उसके पास से एक लाइसेंसी पिस्तौल और जिंदा कारतूस भी जब्त किए हैं। इस घटना ने न केवल स्थानीय व्यापारियों और आम नागरिकों को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि पुलिस तंत्र की सतर्कता और अपराध पर नकेल कसने की रणनीति को भी सामने लाया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, बीते कुछ दिनों से गोवा के विभिन्न इलाकों से व्यापारियों और छोटे उद्यमियों द्वारा लगातार शिकायतें दर्ज कराई जा रही थीं कि उनसे दबाव डालकर पैसों की मांग की जा रही है। कुछ शिकायतकर्ताओं ने यह भी बताया कि धमकाने के लिए पिस्तौल दिखाकर उन्हें मजबूर किया गया। जांच में पुलिस को कई ठोस सबूत मिले, जिनसे इस पूरे नेटवर्क की कड़ी वाल्टर फर्नांडीस तक जा पहुँची।
पुलिस ने गोपनीय सूचना के आधार पर बुधवार देर रात एक विशेष टीम गठित की और छापेमारी की योजना बनाई। रात लगभग 11 बजे वाल्टर को उसके ठिकाने से दबोच लिया गया। गिरफ्तारी के दौरान उसके पास से एक आधुनिक पिस्तौल और कई कारतूस मिले, जिन्हें वह कथित रूप से व्यापारियों को डराने-धमकाने में इस्तेमाल करता था।
पुलिस अधीक्षक (SP) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि गिरफ्तारी पूरी तरह कानूनन प्रक्रिया के तहत हुई है और आरोपी से कड़ी पूछताछ की जा रही है।
वाल्टर फर्नांडीस का नाम पहले भी कई आपराधिक मामलों में आ चुका है। सूत्र बताते हैं कि उस पर न केवल जबरन वसूली, बल्कि गैरकानूनी वसूली, मारपीट और धमकाने जैसे आरोप पहले भी लग चुके हैं। हालांकि, कई मामलों में वह सबूतों के अभाव में छूट जाता था। इस बार पुलिस को ठोस गवाही और हथियार की बरामदगी मिलने से मामला और मजबूत हो गया है।
पुलिस ने स्पष्ट किया है कि यह सिर्फ एक व्यक्ति की गिरफ्तारी का मामला नहीं है, बल्कि यह एक बड़े नेटवर्क की तरफ इशारा करता है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि आखिरकार पिस्तौल आरोपी के पास कैसे पहुंचा और क्या इसके पीछे किसी और संगठित गिरोह का हाथ है।
इसके अलावा, जांच में यह भी पता लगाया जा रहा है कि वाल्टर ने कितने व्यापारियों से जबरन वसूली की और कितना पैसा वसूल किया गया। पीड़ितों से बयान दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
इस गिरफ्तारी के बाद से व्यापारियों और स्थानीय लोगों में राहत की लहर है। एक व्यापारी ने मीडिया से कहा, “हम लोग महीनों से डर के साए में जी रहे थे। आए दिन फोन करके धमकी दी जाती थी। पुलिस ने सही समय पर कार्रवाई करके हमें सुरक्षा का एहसास दिलाया है।”
मामले ने राजनीतिक रंग भी पकड़ लिया है। विपक्षी दलों ने सरकार और पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाए हैं कि जब शिकायतें पहले से मिल रही थीं, तब इतनी देर क्यों हुई कार्रवाई में। वहीं सत्ता पक्ष का कहना है कि सरकार कानून-व्यवस्था पर सख्त है और किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा।
कानून विशेषज्ञों के अनुसार, आरोपी पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की कई धाराएं लगाई जा सकती हैं, जिनमें जबरन वसूली (धारा 384), आपराधिक धमकी (धारा 506) और गैरकानूनी हथियार रखने (आर्म्स एक्ट) जैसी गंभीर धाराएं शामिल होंगी। यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो उसे लंबी सजा हो सकती है।
पुलिस ने आम जनता और व्यापारियों से अपील की है कि यदि किसी को भी वाल्टर फर्नांडीस या उसके गिरोह से संबंधित कोई जानकारी हो, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि शिकायतकर्ताओं की पहचान पूरी तरह गुप्त रखी जाएगी।









