गणेश चतुर्थी से पहले गोवा को मिलेंगे दो नए मंत्री
पणजी: गोवा की राजनीति में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। राज्य में गणेश चतुर्थी से पहले मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारियाँ लगभग पूरी हो चुकी हैं और संभावना है कि अगले कुछ दिनों में दो नए चेहरों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने हाल ही में संकेत दिए थे कि पार्टी संगठन और हाईकमान से चर्चा के बाद मंत्रिमंडल में रिक्त पदों को भरा जाएगा। अब यह तय माना जा रहा है कि त्योहारी सीज़न से पहले गोवा की जनता को दो नए मंत्री मिलने वाले हैं।
वर्तमान समय में गोवा मंत्रिमंडल में कई विभाग ऐसे हैं, जिनका अतिरिक्त प्रभार एक ही मंत्री संभाल रहे हैं। इससे प्रशासनिक कार्यों की गति पर असर पड़ रहा है। विकास कार्यों को तेज़ी से आगे बढ़ाने और जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए मंत्रिमंडल में नए चेहरों को शामिल करने की मांग लंबे समय से उठ रही थी। भाजपा संगठन ने भी हाईकमान के सामने यह मुद्दा रखा था कि पार्टी के कुछ वरिष्ठ और युवा विधायकों को जिम्मेदारी देकर सरकार को और मज़बूत बनाया जाए।
गोवा में गणेश चतुर्थी सिर्फ धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन का अहम हिस्सा है। परिवार, समाज और राजनीति सभी स्तरों पर इस त्योहार को शुभ माना जाता है। माना जा रहा है कि इसी शुभ अवसर से पहले नए मंत्रियों की घोषणा करके सरकार एक सकारात्मक संदेश देना चाहती है। इससे न केवल जनता को यह अहसास होगा कि सरकार विकास के लिए गंभीर है, बल्कि भाजपा संगठन को भी ऊर्जा मिलेगी।
हालाँकि मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और भाजपा नेतृत्व ने अभी तक नए मंत्रियों के नामों की आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में कई नाम चर्चा में हैं। उत्तर गोवा और दक्षिण गोवा दोनों जिलों से संभावित उम्मीदवारों पर विचार हो रहा है। पार्टी सूत्रों के अनुसार संतुलन साधते हुए एक वरिष्ठ और एक युवा विधायक को मंत्री बनाने की रणनीति अपनाई जा सकती है। इससे अनुभव और नई ऊर्जा, दोनों का मेल होगा।
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस मंत्रिमंडल विस्तार पर तंज कसते हुए कहा है कि भाजपा सरकार केवल त्योहारी राजनीति कर रही है। विपक्ष का आरोप है कि जनता से जुड़े मुद्दों पर सरकार ठोस काम नहीं कर पा रही और मंत्रिमंडल विस्तार का फैसला सिर्फ राजनीतिक दबाव को कम करने का प्रयास है। वहीं, सत्तारूढ़ दल का कहना है कि यह कदम प्रशासन को और प्रभावी बनाने तथा जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए है।
गोवा की जनता की उम्मीदें नए मंत्रियों से जुड़ चुकी हैं। पर्यटन, रोजगार, बुनियादी ढाँचे और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्र ऐसे हैं जिन पर खास ध्यान देने की ज़रूरत है। राज्य की अर्थव्यवस्था अभी भी पर्यटन उद्योग पर निर्भर है और कोविड-19 महामारी के बाद इस क्षेत्र को दोबारा पटरी पर लाने के लिए ठोस नीति और सक्रिय नेतृत्व चाहिए। नए मंत्रियों के आने से इन क्षेत्रों में नई ऊर्जा आने की संभावना जताई जा रही है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि गणेश चतुर्थी से पहले मंत्रिमंडल विस्तार कर भाजपा जनता को यह संदेश देना चाहती है कि सरकार त्योहारों की तरह ही खुशियों और विकास का माहौल बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। इससे संगठन के भीतर भी उन नेताओं की नाराज़गी कम होगी जिन्हें अब तक मंत्री पद नहीं मिल पाया था।
अब सबकी निगाहें राजभवन और मुख्यमंत्री कार्यालय पर टिकी हैं। उम्मीद की जा रही है कि अगले हफ्ते के भीतर शपथग्रहण का कार्यक्रम तय कर लिया जाएगा। अगर सब कुछ योजना के अनुसार होता है, तो गोवा को गणेश चतुर्थी से पहले ही दो नए मंत्री मिल जाएंगे और राज्य की राजनीति में एक नया अध्याय जुड़ जाएगा।








