गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने सोमवार को दक्षिण गोवा के नवेलिम गांव में एक महत्वपूर्ण विकास परियोजना का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने ग्राम पंचायत नवेलिम के पुनर्निर्मित पंचायत हॉल और सामग्री पुनर्प्राप्ति सुविधा (Material Recovery Facility – MRF) शेड का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीण, पंचायत प्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता तथा सरकारी अधिकारी उपस्थित रहे।
पंचायत हॉल किसी भी ग्राम पंचायत की गतिविधियों का मुख्य केंद्र होता है। नवेलिम का यह पंचायत हॉल वर्षों पुराना था और मरम्मत की स्थिति में नहीं था। ग्रामीणों और पंचायत प्रतिनिधियों की मांग पर राज्य सरकार ने इसके पुनर्निर्माण को मंजूरी दी। नए हॉल में आधुनिक सुविधाएँ, विस्तृत बैठने की जगह, अच्छी रोशनी और वेंटिलेशन की व्यवस्था की गई है।
डॉ. सावंत ने उद्घाटन समारोह में कहा कि पंचायत हॉल केवल बैठकों के लिए नहीं बल्कि ग्रामवासियों के सांस्कृतिक, शैक्षणिक और सामाजिक कार्यक्रमों का भी केंद्र बनेगा। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे इस हॉल का प्रयोग रचनात्मक कार्यों के लिए करें।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने नवेलिम में एक एमआरएफ शेड का भी उद्घाटन किया। यह सुविधा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (Solid Waste Management) के लिए महत्वपूर्ण है। यहां घरों, दुकानों और संस्थानों से इकट्ठा किए गए कचरे को छांटने और पुनः उपयोग योग्य सामग्री अलग करने की व्यवस्था होगी।
उन्होंने कहा कि गोवा सरकार का लक्ष्य राज्य को कचरा मुक्त बनाना है और इसके लिए प्रत्येक पंचायत स्तर पर ऐसी सुविधाएँ विकसित की जा रही हैं। एमआरएफ शेड में प्लास्टिक, कागज, धातु और अन्य रिसाइकिल करने योग्य वस्तुओं को अलग किया जाएगा, जिससे पर्यावरण की रक्षा के साथ-साथ स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने कहा –
“ग्राम पंचायतें विकास की पहली सीढ़ी होती हैं। यदि गांव मजबूत होंगे तो राज्य भी मजबूत होगा। इसलिए हमारी सरकार पंचायत स्तर पर बुनियादी ढांचे के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।”
उन्होंने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और रोजगार जैसी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
डॉ. सावंत ने कहा कि एमआरएफ जैसी सुविधाएँ स्वच्छता मिशन की रीढ़ साबित होंगी। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे स्वच्छ भारत अभियान को केवल सरकारी कार्यक्रम न मानें, बल्कि इसे व्यक्तिगत जिम्मेदारी की तरह अपनाएँ।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि अपशिष्ट प्रबंधन आज पूरे विश्व के सामने एक बड़ी चुनौती है। यदि गांव स्तर पर ही कचरे का वैज्ञानिक निपटारा किया जाए तो आने वाली पीढ़ियों को बेहतर और स्वच्छ वातावरण दिया जा सकता है।
कार्यक्रम में उपस्थित नवेलिम पंचायत सदस्यों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि लंबे समय से पंचायत हॉल और एमआरएफ शेड की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। अब इन सुविधाओं से ग्रामीणों को न केवल बैठक और कार्यक्रम आयोजित करने की जगह मिलेगी, बल्कि स्वच्छता अभियान को भी गति मिलेगी।
गांव के वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं ने भी इस विकास कार्य का स्वागत किया। एक स्थानीय महिला ने कहा,
“पहले पंचायत हॉल बहुत छोटा और जर्जर हालत में था। अब नए हॉल में हम महिला मंडल की बैठकें और सांस्कृतिक कार्यक्रम आसानी से कर पाएंगे।”
वहीं युवाओं ने एमआरएफ शेड की स्थापना को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम बताया। उनका कहना था कि इससे गांव में गंदगी कम होगी और रिसाइक्लिंग के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान यह भी संकेत दिया कि सरकार निकट भविष्य में नवेलिम और आसपास के क्षेत्रों के लिए अन्य विकास कार्य भी शुरू करेगी। इनमें सड़कों का उन्नयन, जल आपूर्ति सुधार और डिजिटल सुविधाओं का विस्तार शामिल है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार “आत्मनिर्भर गोवा” के विज़न को साकार करने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है और पंचायतों को इसमें सक्रिय भागीदार बनाया जाएगा।
नवेलिम ग्राम पंचायत का पुनर्निर्मित पंचायत हॉल और नया एमआरएफ शेड केवल इमारतें नहीं हैं, बल्कि ग्रामीण विकास, सामुदायिक सहभागिता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उठाए गए ठोस कदम हैं। मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने इस अवसर पर जो संदेश दिया, वह स्पष्ट था—“विकास तभी सार्थक है जब उसका लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे।”
इस तरह यह कार्यक्रम नवेलिम के लोगों के लिए नई संभावनाओं और स्वच्छता व विकास की दिशा में एक नई शुरुआत का प्रतीक बन गया।
