गोवा के बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (BITS Pilani Goa Campus) में उस समय सनसनी फैल गई जब एक छात्र का शव उसके हॉस्टल रूम से बरामद हुआ। यह घटना पूरे कैंपस और आसपास के क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, मृतक छात्र का शव उसके कमरे में मिला और इसकी सूचना तुरंत ही पुलिस और कॉलेज प्रशासन को दी गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और मौत के कारणों का पता लगाने की कोशिशें की जा रही हैं।
सूत्रों के मुताबिक, मृतक छात्र पिछले कुछ दिनों से कक्षाओं और गतिविधियों में कम दिखाई दे रहा था। जब उसके साथी छात्रों ने उसे लंबे समय तक नहीं देखा और दरवाजा खटखटाने पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो उन्होंने कॉलेज प्रशासन को इसकी जानकारी दी। प्रशासन की मदद से जब हॉस्टल का दरवाजा खोला गया, तो छात्र मृत अवस्था में मिला।
इस दृश्य को देखकर छात्र और स्टाफ दोनों ही हैरान रह गए। तुरंत ही पुलिस को बुलाया गया और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया।
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस टीम मौके पर पहुँची और पूरे हॉस्टल को अस्थायी रूप से सील कर दिया। फॉरेंसिक टीम ने मौके पर पहुँचकर साक्ष्य जुटाए। पुलिस का कहना है कि अभी मौत का कारण स्पष्ट नहीं है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही सच्चाई सामने आएगी।
जांच अधिकारी ने मीडिया को बताया कि –
“हमें सूचना मिली कि हॉस्टल के कमरे में एक छात्र मृत अवस्था में पाया गया। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। हम आत्महत्या और अन्य सभी संभावित कोणों से जांच कर रहे हैं। फिलहाल किसी निष्कर्ष पर पहुँचना जल्दबाजी होगी।”
अभी तक मृतक छात्र की पहचान को गोपनीय रखा गया है ताकि परिवार को पहले सूचित किया जा सके। कॉलेज प्रशासन ने पुष्टि की है कि छात्र बीटेक/एमएससी प्रोग्राम में पढ़ रहा था। उसके परिवार को इस दुखद घटना की जानकारी दे दी गई है और उन्हें गोवा बुलाया गया है।
BITS पिलानी गोवा के प्रशासन ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है। कॉलेज के प्रवक्ता ने कहा –
“हमारे लिए यह बेहद दुखद क्षण है। हम मृतक छात्र के परिवार के साथ पूरी संवेदना व्यक्त करते हैं। कॉलेज पुलिस के साथ हर संभव सहयोग कर रहा है। छात्रों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर हम और भी कड़े कदम उठाएंगे।”
कॉलेज ने छात्रों के लिए काउंसलिंग सेशन आयोजित करने की घोषणा भी की है, ताकि वे इस घटना से मानसिक रूप से उबर सकें।
घटना के बाद से पूरे कैंपस का माहौल गमगीन है। कई छात्र इसे लेकर सदमे में हैं। हॉस्टल में रहने वाले अन्य छात्रों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें यकीन नहीं हो रहा है कि उनके बीच पढ़ने वाला साथी अब इस दुनिया में नहीं है।
कुछ छात्रों का कहना है कि पढ़ाई का दबाव और प्रतिस्पर्धा कई बार मानसिक तनाव को बढ़ा देता है। वहीं, कुछ छात्रों ने हॉस्टल में बेहतर मेडिकल और काउंसलिंग सुविधाओं की मांग की है।
जैसे ही घटना की खबर सामने आई, सोशल मीडिया पर यह तेजी से फैल गई। ट्विटर (X), फेसबुक और इंस्टाग्राम पर छात्रों और पूर्व छात्रों ने इस घटना पर दुख जताया और मृतक छात्र को श्रद्धांजलि दी। कई लोगों ने शैक्षणिक संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रणाली को मजबूत करने की अपील की।
हालाँकि पुलिस ने आत्महत्या के कोण से भी जांच शुरू की है, लेकिन अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है। कमरे से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। पुलिस अन्य पहलुओं जैसे – दुर्घटना, स्वास्थ्य संबंधी समस्या या किसी अन्य कारण की भी पड़ताल कर रही है।
फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की असली वजह सामने आ पाएगी।
मृतक छात्र के परिवारजन इस घटना से पूरी तरह टूट गए हैं। उनके लिए यह विश्वास करना बेहद कठिन है कि उनका बेटा/भाई इस तरह से अचानक चला गया। परिजनों ने मांग की है कि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हो।
यह घटना एक बार फिर से देशभर के शिक्षा संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य और परामर्श सेवाओं की स्थिति पर सवाल खड़े करती है। पिछले कुछ वर्षों में आईआईटी, एनआईटी और अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों में भी छात्रों की आत्महत्या की घटनाएँ सामने आई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि छात्रों को केवल अकादमिक नहीं, बल्कि भावनात्मक और मानसिक रूप से भी सहारा देने की आवश्यकता है।
पुलिस ने आश्वासन दिया है कि इस मामले की हर पहलू से गहन जांच की जाएगी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही सटीक कारण पता चल पाएगा। कॉलेज प्रशासन ने भी जांच में पूरी मदद करने का वादा किया है।









