पणजी (6 अगस्त 2025): गोवा के मडगांव इलाके में एक बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक महिला ने भौंकने के विवाद में पड़ोसी के पालतू कुत्ते पर चाकू से हमला कर दिया। पुलिस ने आरोपी महिला के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम (Prevention of Cruelty to Animals Act) और आईपीसी की धारा 429 (पशु को क्षति पहुँचाने) के तहत मामला दर्ज किया है। यह घटना मंगलवार शाम करीब 6 बजे मडगांव के शांतिनगर कॉलोनी में हुई, जिसने स्थानीय लोगों में आक्रोश की लहर दौड़ा दी है।
जानकारी के अनुसार, 45 वर्षीय लीला नाइक नामक महिला अपने घर के सामने बैठी थी, तभी पड़ोसी का पालतू कुत्ता ‘ब्रूनो’, जो एक 3 वर्षीय लेब्राडोर है, भौंकते हुए वहाँ आ गया। लीला पहले भी कुत्तों के भौंकने से परेशान बताई जा रही है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, लीला ने गुस्से में आकर पास ही रखे सब्जी काटने वाले चाकू से ब्रूनो पर वार कर दिया, जिससे उसके गर्दन और पेट में गंभीर चोटें आईं।
घटना के बाद कुत्ते के मालिक संदीप कामत ने तुरंत ब्रूनो को पास के पशु चिकित्सालय में भर्ती कराया, जहाँ उसकी सर्जरी की गई। डॉक्टरों के अनुसार, कुत्ते की हालत अब स्थिर है, परंतु उसे अभी निगरानी में रखा गया है।
यह घटना कॉलोनी में चर्चा का विषय बन गई है। स्थानीय निवासी लीला की मानसिक स्थिति पर सवाल उठा रहे हैं और उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। कॉलोनी के एक निवासी मनीषा शिरोडकर ने कहा, “यह केवल एक कुत्ते पर हमला नहीं है, यह पूरे समाज में बढ़ती असहिष्णुता और हिंसा का प्रतीक है। कुत्ते मासूम होते हैं, यदि उन्हें परेशान किया गया तो उनका भौंकना स्वाभाविक है, परंतु इस तरह चाकू से हमला करना अमानवीय है।”
मडगांव पुलिस स्टेशन के निरीक्षक संतोष गावस ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा, “हमें शिकायत मिली है और हमने लीला नाइक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 429 और पशु क्रूरता अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज किया है। आरोपी से पूछताछ की जा रही है और मामले की जांच जारी है।”
पुलिस ने बताया कि कॉलोनी में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज भी जब्त कर ली गई है, जिसमें घटना के दृश्य साफ दिखाई दे रहे हैं। लीला नाइक को नोटिस भेजकर थाने बुलाया गया है और पूछताछ के बाद कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
घटना के बाद गोवा की प्रमुख एनिमल राइट्स संस्था ‘गोवा एनिमल वेलफेयर सोसाइटी’ ने इस कृत्य की कड़ी निंदा की है। संस्था की अध्यक्ष अंजना प्रभुदेसाई ने कहा, “कुत्ते को चाकू मारना एक जघन्य अपराध है। यह दर्शाता है कि समाज में पशुओं के प्रति संवेदनशीलता की कितनी कमी है। हम मांग करते हैं कि आरोपी महिला को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए ताकि ऐसा व्यवहार दोबारा न हो।”
भारतीय दंड संहिता की धारा 429 के तहत किसी भी पालतू या उपयोगी पशु को जानबूझकर मारने या क्षति पहुँचाने पर 5 साल तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत भी आरोपी पर आर्थिक दंड और कारावास की सजा दी जा सकती है।
इस घटना ने एक बार फिर पशु अधिकारों और समाज में उनकी सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि शहरीकरण के चलते इंसानों और पालतू जानवरों के बीच संघर्ष की घटनाएं बढ़ रही हैं। पशु मनोवैज्ञानिक डॉ. रीमा लोंढे का कहना है, “कुत्ते का भौंकना उसकी स्वाभाविक प्रतिक्रिया है। यदि किसी व्यक्ति को इससे असुविधा है तो उसे शांतिपूर्ण तरीके से समाधान खोजना चाहिए। हिंसक प्रतिक्रिया केवल मानसिक असंतुलन और समाज में बढ़ती असहिष्णुता का संकेत है।”
वहीं, आरोपी लीला नाइक का कहना है कि वह पिछले कई महीनों से कॉलोनी में आवारा कुत्तों और पड़ोसी के पालतू कुत्तों के भौंकने से परेशान थी। उसने दावा किया कि घटना के दिन भी ब्रूनो ने उस पर झपटने की कोशिश की, जिसके डर से उसने आत्मरक्षा में चाकू मारा। हालाँकि, प्रत्यक्षदर्शियों और सीसीटीवी फुटेज के अनुसार यह दावा गलत प्रतीत हो रहा है।
यह घटना न केवल लीला नाइक के मानसिक स्वास्थ्य पर सवाल उठाती है, बल्कि समाज में पशुओं के प्रति जागरूकता और संवेदनशीलता की कमी को भी उजागर करती है। इस मामले में पुलिस की त्वरित कार्रवाई और पशु अधिकार संगठनों की सक्रियता निश्चित ही एक मिसाल कायम करेगी।
मडगांव पुलिस ने कहा है कि ब्रूनो के स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है और पशु चिकित्सकों की रिपोर्ट के आधार पर यदि आवश्यक हुआ तो लीला नाइक के खिलाफ और भी गंभीर धाराएँ जोड़ी जा सकती हैं। वहीं कॉलोनी में भी पशु मित्रता और सह-अस्तित्व पर जागरूकता अभियान चलाने की योजना बनाई जा रही है।









