हरित पहल: तावडकर ने दावा किया कि फिल्म सिटी को पारंपरिक और प्राकृतिक तरीकों का उपयोग करके विकसित किया जाएगा और इसके लिए कोई भी पेड़ नहीं काटा जाएगा। उन्होंने इसे ‘माहिकाई’ (माँ पृथ्वी) की अवधारणा के तहत एक पर्यावरण-अनुकूल परियोजना बताया।
रोज़गार के अवसर: तावडकर ने कहा कि यह परियोजना स्थानीय युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोज़गार के अवसर पैदा करेगी और क्षेत्र के आर्थिक विकास को गति देगी।
विरोध पर प्रतिक्रिया: उन्होंने स्थानीय विरोध को खारिज करते हुए कहा कि कुछ लोग “झूठ फैला रहे हैं” और विकास परियोजनाओं को बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं।
भूमि अधिग्रहण: उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि परियोजना के लिए भूमि पहले ही अधिग्रहित की जा चुकी है और सरकार के पास है, इसलिए लोलिएम-पालये ग्राम पंचायत के पास इसे अस्वीकार करने का अधिकार नहीं है।
स्थानीय लोग और पर्यावरण समूह इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं क्योंकि यह एक पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र में स्थित है, जो वन्यजीव अभयारण्य और पश्चिमी घाट के पास है। उनका मानना है कि यह परियोजना क्षेत्र की जैव विविधता और पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुँचाएगी।









