गोवा विधानसभा ने पर्यटन स्थलों पर दलाली रोकने और पर्यटकों को परेशान करने वाली अन्य गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए एक विधेयक पारित किया है। इस विधेयक के तहत, उल्लंघन करने वालों पर लगने वाला जुर्माना बढ़ाकर ₹1 लाख तक कर दिया गया है। यह कानून गोवा पर्यटन स्थल (संरक्षण और रखरखाव) संशोधन विधेयक, 2025 के रूप में जाना जाएगा।
जिसका मुख्य उद्देश्य राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देना और पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह विधेयक पर्यटन स्थलों पर होने वाली अनधिकृत गतिविधियों, जैसे कि दलाली, अनधिकृत फेरीवालों और पर्यटकों को परेशान करने पर रोक लगाता है।
राज्य के पर्यटन मंत्री रोहन कहुंते ने 1 अगस्त को यह विधेयक पेश किया। उन्होंने बताया कि इस संशोधन से वर्ष 2001 के मौजूदा अधिनियम को और अधिक सशक्त बनाया जाएगा।
गोवा विधानसभा ने गोवा पर्यटन स्थल (संरक्षण और रखरखाव) संशोधन विधेयक, 2025 पारित किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देना और पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह विधेयक पर्यटन स्थलों पर होने वाली अनधिकृत गतिविधियों, जैसे कि दलाली, अनधिकृत फेरीवालों और पर्यटकों को परेशान करने पर रोक लगाता है।
राज्य के पर्यटन मंत्री रोहन कहुंते ने 1 अगस्त को यह विधेयक पेश किया। उन्होंने बताया कि इस संशोधन से वर्ष 2001 के मौजूदा अधिनियम को और अधिक सशक्त बनाया जाएगा।
इस विधेयक के तहत, अब पर्यटन स्थलों पर “उपद्रव” (nuisance) की परिभाषा को और व्यापक किया गया है, जिसमें कई नई गतिविधियां शामिल हैं।
जुर्माना बढ़ाना: उल्लंघन करने वालों पर अब ₹5,000 से लेकर ₹1 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। पहले यह जुर्माना बहुत कम था, जो प्रभावी नहीं था।
दलाली पर अंकुश: यह विधेयक विशेष रूप से उन दलालों पर नकेल कसेगा जो पर्यटकों को पानी के खेल, होटल या अन्य सेवाओं के लिए परेशान करते हैं।
अनधिकृत गतिविधियों पर रोक: सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीना, खाना बनाना, कूड़ा फैलाना, और बिना अनुमति के सामान बेचना या सेवाएं प्रदान करना अब अपराध होगा।
अतिरिक्त कानूनी कार्रवाई: जुर्माने के अलावा, इन नियमों का उल्लंघन करने वालों पर भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के तहत भी कार्रवाई की जाएगी, जो लोक सेवक के आदेश का उल्लंघन करने से संबंधित है।
सरकार का मानना है कि यह कदम गोवा में जिम्मेदार और टिकाऊ पर्यटन को बढ़ावा देगा, जिससे न केवल पर्यटकों को एक सुरक्षित और सुखद अनुभव मिलेगा, बल्कि स्थानीय समुदायों और पर्यावरण की भी रक्षा होगी।









