गोवा में आवासीय अपार्टमेंट्स को होमस्टे के तौर पर इस्तेमाल करने का मुद्दा गरमा गया है। कलांगुट के विधायक माइकल लोबो ने विधानसभा में इस पर चिंता जताते हुए इसे तुरंत रोकने की मांग की है। उनका कहना है कि अवैध होमस्टे लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे स्थानीय निवासियों को काफी परेशानी हो रही है और औपचारिक पर्यटन उद्योग पर भी बुरा असर पड़ रहा है।
लोबो ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान दिल्ली और दूसरे राज्यों से आए कई लोगों ने गोवा में अपार्टमेंट्स को “दूसरे घर” के तौर पर खरीदा था। अब इन्हीं अपार्टमेंट्स को अवैध रूप से पर्यटकों को किराए पर दिया जा रहा है। इन होमस्टे में अक्सर “अनियंत्रित” पर्यटक आते हैं, जिनके शोर-शराबे, भीड़भाड़ और पार्किंग की समस्याओं से स्थानीय लोग तंग आ चुके हैं। इसके अलावा, इन गैर-पंजीकृत होमस्टे से होटल और गेस्ट हाउस जैसे औपचारिक आतिथ्य क्षेत्र को भारी नुकसान हो रहा है।
पर्यटन मंत्री रोहन खाउंटे ने भी लोबो की बातों से सहमति जताई है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि सरकार इन अवैध होमस्टे पर सख्त कार्रवाई करेगी और पंजीकरण के नियमों को कड़ाई से लागू किया जाएगा। खाउंटे ने नागरिकों से भी अपील की है कि वे किसी भी अपंजीकृत या अवैध होमस्टे की जानकारी पर्यटन विभाग को दें।
आपको बता दें कि गोवा सरकार ने दिसंबर 2023 में “होमस्टे और बेड एंड ब्रेकफास्ट पॉलिसी” अधिसूचित की थी। इस पॉलिसी का मकसद छोटे पैमाने पर पर्यटक आवासों को विनियमित करना और उनका पंजीकरण अनिवार्य करना था, लेकिन लगता है कि इसका पूरी तरह से पालन नहीं हो पा रहा है, जिसके चलते यह मुद्दा फिर से चर्चा में है।









