पणजी: मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने गोवा की जनता से अपील की है कि वे राजनीतिक मतभेदों और विभाजन को बढ़ावा देने से बचें और प्रदेश में एकता बनाए रखें। उन्होंने कहा कि राजनीतिक बहसें और विचारधाराओं में अंतर होना स्वाभाविक है, लेकिन जनता को यह समझना होगा कि व्यक्तिगत हितों और राजनीति के खेल से राज्य का विकास प्रभावित नहीं होना चाहिए।
मुख्यमंत्री सावंत ने यह बयान राज्य सचिवालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिया। उन्होंने कहा कि गोवा हमेशा से अपनी सांस्कृतिक विविधता और सामाजिक समरसता के लिए जाना जाता रहा है, और यही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने गोवाबासियों से आग्रह किया कि वे राजनीतिक मतभेदों के बावजूद एकजुट रहें और सामूहिक हित को सर्वोपरि रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा, “राजनीति का मतलब केवल सत्ता प्राप्त करना नहीं है, बल्कि जनता के कल्याण के लिए काम करना भी है। हमें अपनी प्राथमिकताएं समझनी होंगी और राजनीतिक खेल के चक्रव्यूह में फंसने से बचना होगा। गोवा की एकता ही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है।”
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने युवाओं को भी संबोधित किया और कहा कि उन्हें राजनीति को समझदारी से अपनाना चाहिए। उन्होंने युवा नेताओं से अपील की कि वे केवल व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं, बल्कि समाज और प्रदेश के हित के लिए काम करें।
मुख्यमंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हाल के कुछ राजनीतिक विवादों और पार्टियों के बीच टकराव ने राज्य की छवि पर प्रभाव डाला है। उन्होंने आश्वस्त किया कि उनकी सरकार सभी नागरिकों की भलाई और राज्य के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि राजनीति में भले ही विचारधारा और दृष्टिकोण अलग हों, लेकिन यह जरूरी है कि जनता व्यक्तिगत मतभेदों को लेकर कट्टरता न दिखाए। उन्होंने कहा कि एकजुट गोवा ही बाहरी निवेश, पर्यटन और आर्थिक विकास के लिए अधिक आकर्षक बनेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में गोवा ने शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन और आधारभूत ढांचे में काफी प्रगति की है। उन्होंने कहा कि यह विकास केवल तभी स्थायी रहेगा जब लोग राजनीतिक विभाजन से ऊपर उठकर एकता बनाए रखेंगे।
मुख्यमंत्री ने सभी राजनीतिक दलों और नेताओं से भी अपील की कि वे सार्वजनिक मंचों पर केवल सकारात्मक और विकासोन्मुखी वार्ता करें। उन्होंने चेतावनी दी कि राजनीतिक बयानबाजी और विभाजनकारी भाषण राज्य की शांति और सौहार्द को प्रभावित कर सकते हैं।
समाज के वरिष्ठ नागरिकों और नागरिक संगठनों को भी मुख्यमंत्री ने जिम्मेदारी लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिक अपनी अनुभवशीलता और समझदारी से युवाओं को सही मार्गदर्शन दें और राजनीति में सामूहिक हित को सर्वोपरि रखने की शिक्षा दें।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारे परिवार, हमारी संस्कृति, हमारी परंपराएं और हमारा प्रदेश हमें जोड़ती हैं। हमें इन्हें सदा बनाए रखना होगा। राजनीतिक मतभेदों के बावजूद हमें अपने मूल्यों और सामाजिक सद्भाव को कभी नहीं खोना चाहिए।”
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि गोवा में सभी धर्म और समुदाय एक-दूसरे के साथ मेलजोल और भाईचारे के साथ रहते आए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर राजनीतिक विभाजन बढ़ता है, तो यह सामाजिक समरसता और राज्य की स्थिरता को खतरे में डाल सकता है।
मुख्यमंत्री के इस आह्वान को स्थानीय नागरिकों ने स्वागत किया। कई नागरिकों ने कहा कि यह वक्त जागरूकता और समझदारी का है। गोवाबासी इस अपील को स्वीकार करते हुए आगे आने वाले समय में सभी मतभेदों को भुलाकर एकजुट होकर राज्य के विकास में योगदान देने को तैयार हैं।
राज्य के राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि मुख्यमंत्री का यह संदेश न केवल वर्तमान राजनीतिक स्थिति को संभालने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भविष्य में गोवा के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री के इस आह्वान से यह स्पष्ट है कि उनकी सरकार का उद्देश्य केवल सत्ता संचालन नहीं है, बल्कि गोवा को एक मजबूत, एकजुट और विकसित राज्य बनाना है। उन्होंने सभी गोवाबासियों से अपील की कि वे किसी भी राजनीतिक दबाव या असहमति के बावजूद अपने परिवार, समाज और राज्य के हित में एकजुट रहें।
अंततः, मुख्यमंत्री का संदेश यह है कि राजनीतिक मतभेदों और विवादों के बावजूद गोवा की एकता, संस्कृति और सामाजिक समरसता को बनाए रखना हर गोवाबासी की जिम्मेदारी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यही हमारी सबसे बड़ी ताकत है और यही हमें भविष्य में आने वाली चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाएगी।








